अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक दर के अनुमान को 3% कम कर दिया है।
यहां अनुमान शुरुआती वर्ष में 12.5% लगाया गया था वही कोविड-19 की दूसरी लहर के गंभीर असर के बाद आईएमएफ ने आर्थिक विकास दर को 3% घटाकर 9.5% कर दिया है।
आईएमएफ के द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक विकास दर 8.5% रहने का अनुमान लगाया है।
हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के द्वारा देश की आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई थी।
मनमोहन सिंह ने कहा था देश के हालात खुश होने वाले नहीं, बल्कि चिंताजनक है।
हमें देश की आर्थिक स्थिति के बारे में सोचना चाहिए।
आईएमएफ ने विश्व आर्थिक परिषद ने कहा इस साल मार्च मई के दौरान कोविड-19 की दूसरी गंभीरता को देखते हुए भारत में वृद्धि की संभावना को कम किया गया है।
आईएमएफ ने कहा है कि आर्थिक सुधार की गुंजाइश तभी हो सकती है जब युद्ध स्तर पर भारत में वैक्सीनेशन किया जाए ।
लेकिन भारत और इंडोनेशिया जैसे देशों में इसकी गति काफी धीमी है जिसके कारण G20 अर्थव्यवस्थाओं में यह दोनों देश सबसे ज्यादा प्रभावित रहेंगे।
आईएमएफ के अलावा कई अन्य वैश्विक और घरेलू एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है।
पिछले महीने s&p ग्लोबल रेटिंग में चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 9.5% और 2022 2030 में 7.8% रहने का अनुमान जताया थ।
साथ ही आर्थिक विकास दर को लेकर विश्व बैंक ने भी 8.3% रहने का अनुमान लगाया है।
उन्होंने कहा वर्ष 2021 के लिए हमारा ताजा वैश्विक वृद्धि अनुमान पिछले प्रदेश के समान है।
वहीं उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए सालाना प्रति व्यक्ति आय घटने की पूर्ण संभावना है।